प्रोस्थेटिक मेकअप एक विशेष कला का क्षेत्र है। यह फिल्म इंडस्ट्री में बहुत चल रहा है। विशेष मेकअप से प्रभाव पैदा करने के लिए कृत्रिम टुकड़ों को डिजाइन करने, बनाने और उपयोग करने की प्रक्रिया को प्रोस्थेटिक मेकअप कहते है। इन टुकड़ों को इंडस्ट्री में आमतौर पर “उपकरण(एप्लायंसेज)” के लिए जाना जाता है। एक कृत्रिम कलाकार, कृत्रिम उपकरण बनाने के लिए डिज़ाइन, कास्टिंग, मूर्तिकला और मोल्डिंग जैसे तकनीकों का उपयोग करता है। इस बारे में रिया वशिस्ट (RVMUA) से बात हुई तो उन्होंने बताया कि प्रोस्थेटिक मेकअप एक टेक्निकल मेकअप है। जो आम मेकअप से अलग है। इसमें कई प्रकार की तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है इसीलिए इस मेकअप में की गई रचना को विज्ञान का दर्जा दिया गया है। रिया वशिस्ट ने आगे बताया कि उन्होंने प्रोस्थेटिक मेकअप में ग्रेजुएशन “हॉलीवुड यूनाइटेड स्टेट ऑफ़ अमेरिका” से की थी।
यह मेकअप एक रीयलिस्टिक मेकअप होता है। जिसमे नकली शरीर के अंग, छोटी से छोटी बड़ी से बड़ी चोट व निशान बनाना, उम्र बढ़ाने जैसे कई और रचनात्मक मेकअप शामिल है। यह असल में होता तो नकली ही है लेकिन दिखने में वास्तविक लगता है। इस मेकअप के जरिए एक कृत्रिम कलाकार किसी भी इंसान का चेहरा बदल सकता है। उसे किसी दूसरे व्यक्ति जैसा बना सकता है। जिसके लिए एक प्रकिया होती है;
कास्टिंग- इस प्रकिया का पहला पड़ाव कास्टिंग है। जिसमे किसी व्यक्ति के चेहरे को कास्ट किया जाता है। इसमें ऐसे ही किसी के चेहरे पर सीधे आकृति नहीं बनाई जा सकती इसीलिए पहले व्यक्ति के चेहरे को कास्ट किया जाता है। फिर उसका एक नकली चेहरा बनाया जाता है।
स्कल्प- इस प्रक्रिया का दूसरा पड़ाव स्कल्प है। जिसमे डुप्लीकेट चेहरे पर स्कल्प करते है। यानि नाक, कान आदि बनाते है और फिर उसके टुकड़े बनाए जाते है।
ट्रांसफॉर्मेशन- इस प्रक्रिया का तीसरा पड़ाव ट्रांसफॉर्मेशन है। जिसमे ट्रांसफॉर्म किए गए टुकड़ो को व्यक्ति के चेहरे पर अप्लाई किया जाता है।
प्रोस्थेटिक मेकअप बहुत ही एडवांस तकनीक का मेकअप होता है। इस तरह के मेकअप को करने के लिए एक सही जानकारी का होना बहुत ज़रूरी है। ऐसी बहुत सारी अकादमिज और बहुत सारे लोग है। जिन्हें प्रोस्थेटिक मेकअप की समझ नहीं है। ऐसे में वो लोग प्रोस्थेटिक मेकअप के नाम पर टिश्यू पेपर या ऐसे ही कोई भी प्रोडक्ट का इस्तेमाल कर लेते है और वो ऐसे दिखाने की कोशिश करते है। जैसे कि वो वास्तविक में एक प्रोस्थेटिक मेकअप ही हो। मगर उनके किए गए मेकअप को देखने से ही पता चल जाता है कि वो एक आर्टिफिशल है।
प्रोस्थेटिक मेकअप हॉलीवुड मूवीज में बहुत देखने को मिलता है लेकिन अब ये इंडियन सिनेमा भी ट्रेंडिंग पर है। बॉलीवुड की ऐसी कई फिल्में है। जिसमे इस मेकअप का इस्तेमाल हुआ है। सन 2021 में रिलीज़ हुई फिल्म बेल बॉटम, 2009 की फिल्म पा, राब्ता, फैन, छपाक इत्यादि फिल्मों में प्रोस्थेटिक मेकअप का उपयोग किया गया है।